रविवार, फ़रवरी 6

के बुझत मिथिलाक दर्द

गौरीशंकर राजहंस, वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व सांसद


मिथिलांचल के विषय मे लोक खूब सुनैत -सुनबैत अछि ,मुदा वास्तविक अनुभूति ओतहि जा क ' होयत छैक .कहियो मिथिला क ' भूमि अन्नक भंडार छल .सही अर्थ मे ओ सोना उगलैत छल ,आई सर्वत्र गरीबी पसरल छैक .यैह कारण जे मिथिलांचल सँ लाखोक संख्या मे लोक रोजी रोटी खोज मे दिल्ली ,मुंबई ,पंजाब आ दोसर शहर जा रहल अछि .पहिने लोक कलकत्ता जायत छल ,मुदा आई अहि दौर मे हरियाणा ,पंजाब ,दिल्ली मे मिथिलाक लोक संघर्ष क़' रहल अछि .मजदूरक टोली भोर होयते जखन काम काज पर जयबाक उपक्रम करैत छथि तं हुनक गप सुनी हमरा अपार आनंदक अनुभव होयत अछि .मिथिला सँ दूर होयतो ई वर्ग अपन भाषा नहि छोडलान्ही..सांच गप त ' ई अछि जे दुनिया में फ्रेंच भाषाक बाद मैथिली के नाम अबैत अछि .सबसँ मधुर भाषा के श्रेणी में .बंगला के नम्बर एकर बाद अबैत अछि ..चारि करोड़ मैथिल भाषी छी लेकिन मातृभाषा उपेक्षित भ ' रहल अछि .
मिथिलाक सबसँ पैघ समस्या अछि प्रलयंकारी बाढी..हर साल ई मीडिया के लेल रिकॉर्ड तोड़े वाला होइत छैक .लेकिन ई सम स्या सँ निजात आई तक नहि भेट सकल .हम अनेक वर्ष धरी संसद मे अहि समस्या के तरफ सदन आ सरकार के आकर्षित कयलहूँ .समाधान के लेल रास्ता बतेलहूँ जे जातक नेपाल क 'नदी कें बानहल नहि जायत ,सालो साल भरि रहल बालूक सफाई आ पनिक निकासी के समुचित व्यवस्था नहि होयत .ता धरी मिथिलांचल क गरीबी आ बाढी क तबाही सँ उबरनाय मुश्किल .नेपाल के अगर अहि समस्या क समाधान लेल राजी कयल जाय त अहि क्षेत्र मे हजारों मेगावाट बिजली उत्पन्न भ ' सकैत अछि .ओही बिजली सँ नेपाल आ मिथिलांचल के कायाकल्प भ ' सकैत अछि .अहि सँ भरपूर ओद्योगीकरण हेते आ दुनु देश मे खुशहाली लौटत.यदि से भ' जय त मिथिलांचल सँ पलायन अपने आप रुकी जायत .हमरा सोझा मे भूटान उदाहरण अछि .भूटानक नदी सँ बिजली क ' जतेक उत्पादन होयत छैक तकर तीन चौथाय भाग भारत मे निर्यात होयत छैक ..भारतक जाही राज्य मे भूटान क 'चूका प्रोजेक्ट 'सँ बिजली अबैत अछि ओही राज्य में बिजली क स्थिति देश के अन्य राज्य के तुलना मे कही बेहतर अछि .जं भूटान सँ एहन समझौता भ' सकैत अछि त नेपाल सँ किएक नहि भ' सकैत अछि .
हम देखलहु जे समस्त मिथिलांचल मे कोनो एहन अस्पताल नहि छैक जत' गरीब मरीज इलाज़ करबा सकैथ .लाचार मरीज के दिल्ली आने पडैत छैन्ह .दिल्ली मे एम्स के इलाज आ रहनाय सहनाय के दिक्कत के अंदाज लगा सकैत छी .की एहने अस्पताल मिथिलांचल मे नहि भ' सकैत अछि ? सबसँ दुखक बात ई जे मिथिलांचल मे 60 फिसद सँ ज्यादा घर मे कोनो शौचालय नहि छैक .अइयो अधिकाश स्त्रिगनसमाज के सांझ -भिनसर खाली सड़क के इंतजार करै पडे छैन्ह .राजनेता सभ मात्र अपन जेबी टा भडलैंह आ जातिक नामपर लोक के लड्बैत रहलाह .
मिथिलांचल मे समस्या अनंत अछि .लेकिन कोनो एहन समस्या नहि अछि जकर निदान नहि छैक .आबश्यकता छैक लोक सबके जागरूक हेबाक .अबश्यक छैक नौजवान के आगा अयबाक .अन्यथा मिथिला के दर्द के केयो नहि बुझी सकत

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