शनिवार, सितंबर 12

मंहगाई

आई बडकी काकी’क आयु सौ वर्ष पुर्ण भ’ गेलन्हि.बडकी काकी के पोता दरिभंगा सं आयल छैन्हि आ जल्दी जयबाक हेतु तैयार भ रहल छैन्हि..काकी दौडि कय गुड्डू’क दोकान जा दू लीटर सरिसो तेल आ पांच किलो चाउर कीन अनलीह सनेस भेजबाक लेल. पोता कहलकन्हि"दाय,एतेक सौख छौ त’ पाईये कियेक नै भेज दै छहुन्ह बेटा के?"काकी बजलीह "हौ, गुड्डू के दोकान कोनो दूर छैक.पोता तमसा गेलन्हि आ कहय लगलन्हि"तू बूढ भ’ गेलैंह,बुधि नहि काज करैत छौ.आब कियो मोटरी भेजैत छै?""बुधि त’ लोकक नै काज करैत छैक?"- काकी बाजय लगलीह-"जहिया लोक मोटरी सनेस भेजैत रहय,हम पाई भेजैत रही,आब हम पाई के बदला मे मोटरिये भेजैत छी.कारण जे आब त’ जतेक भारी मोटरी ओतबे भारी पाई.देखै नै छहक कते मह्गाई बढि गेलैक.मोटरी ल’ जा ई पाइ स हल्लुक पडतह."

- अरविन्द झा
बिलासपुर

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