सोमवार, अगस्त 31

काज

बेटा पूछलक हमरा-
मां, हमरा कीयाऽ कनेलहुं
कनि धीरे सऽ बाजल हम
अहाँ कीयाऽ हमरा तमसेलौं
कनैत-कनैत बाजल ओ
हम तामस नहि दियेलहुं
हम चप्पल नहि हरेलहुं
ओ तऽ हरा गेल अपनेहि
एखन तऽ हम
करैत रही काज
फाड़ैत रही किताब।
—कुलीना रुबी

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